शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

अहिच्छत्र



महाभारतकाल में उत्तर पांचाल की राजधानी रहे इस नगर के अवशेष बरेली-उत्तर प्रदेश के रामनगर गाँव में प्राप्त हुए| समुद्रगुप्त की प्रयाग-प्रशस्ति में वर्णित ‘अच्युत’ नाम के राजा की मुद्राएँ  यहाँ से प्राप्त हुई हैं| यह आज भी जैनों का एक महत्वपूर्ण स्थल है, यहाँ के खण्डहरों से चक्की के पाट के आकार का स्तूप मिला है| इसे ‘पिसनहारी का छत्र’ या ‘ढूह का स्तूप’ कहते हैं| 





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