यह
दुर्ग राजस्थान में 250 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है| इसकी लम्बाई 1500 फीट व चौड़ाई
750 फीट है| इसकी स्थापना 1155 में की राव जैसल ने कराई थी| यह पीले पत्थरों का
बना है| इसे सोनार के किले के नाम से भी जानते हैं|
जालौर
जालौर
का दुर्ग अरावली पहाड़ी पर चार सौ फीट की ऊंचाई पर सूंकड़ी नदी के तट पर स्थित है|
इसे नौवीं शताब्दी में परमारवंशीय राजाओं ने बनवाया था| इस पर चौहानों व चालुक्यों
के बाद 1310 में अलाउद्दीन खिलजी का आधिपत्य हुआ| उसने इसे कान्हड़ देव से जीत लिया
था| कान्हड़ देव की वीरता की कहानियाँ आज भी मारवाड़ी लोक संस्कृति में व्याप्त हैं|
किले में प्राचीन महल, कान्हड़ देव की बखड़ी, वीरमदेव की चौकी, जैन मन्दिर व मलिकशाह
की दरगाह आदि वास्तुशिल्प के सुन्दर नमूने हैं|
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