बुधवार, 13 दिसंबर 2017

नोह

यह स्थल राजस्थान राज्य में भरतपुर जिले में यमुना की सहायक नदी रूपारेल के तट पर है| यहाँ दोआब संस्कृति का प्रभाव स्पष्ट है| यहाँ से काले व लाल रंग के मृणपात्र प्राप्त हुए हैं| यहाँ से 'पाप ह्त्तस' के अंकन से युक्त मुद्रा एक हवन-कुण्ड के समीप से प्राप्त हुई है जो वैदिक धर्म की पुनर्स्थापना का प्रतीक है|

कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें











हमारीवाणी

www.hamarivani.com
www.blogvarta.com