मध्यप्रदेश
के मालवा क्षेत्र में विख्यात स्थान है| ‘पेरिप्लस ऑफ़ द सी’ पुस्तक में इसे ओजोनी
कहा गया है| छठीं शताब्दी ईसा पूर्व में यह अवन्ती महाजनपद के उत्तर भाग की
राजधानी थी| बुद्ध के समय यहाँ का शासक चंड प्रद्योत था जो कि बिम्बिसार का
समकालीन था| पतंजलि ने अपने महाभाष्य में भी इस नगरी का उल्लेख किया है|
चन्द्रगुप्त द्वितीय ने इसे शकों से छीनकर इसे अपनी राजधानी बनाया| महाकाल के
शिवालय के लिए यह नगर आज भी विख्यात है|
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