यह दुर्ग राजस्थान के जोधपुर के पास
है| इस दुर्ग पर बौद्ध शैली का प्रभाव है| माना जाता है कि प्राचीनकाल में यह स्थल
मान्डव्य ऋषि की तपस्थली रहा है अतः पहले इसका नाम मांडव्यपुर था बाद में मंडोर हो
गया|
कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें