शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017

केन



केन हतः श्याममृगः, केन हता सुनन्दा?
केन टू जी धनं हृता, केन आरुषी हता|
अद्यावधि अनिर्णीता पदमार्गे मनुजतां,
केन छिन्नभिन्ना कृता कश्कदाच वदिष्यति?
धन्याः अभियोजकाः, धन्याः विवेचकाः,
धन्या न्याय व्यवस्था, धन्या वयं जनाः|

 





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