इस ब्लॉग को मैने अपने निजी विचारों को प्रस्तुत करने के लिये शुरू किया है। बहुत सम्भव है कि मेरे विचार किसी अन्य से मेल खाते हों और यह लगता हो कि वे किसी के कॉपीराइट का उल्लंघन करते हों तो कृपया मुझे अवश्य अवगत करायें। विशेष कृपा होगी।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 07 मार्च 2021 को साझा की गई है........."सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
हार्दिक आभार बहन। नमन।
सुन्दर रचना।
धन्यवाद बड़े भाई।नमन।
होली के रंग में सारी भाषाएँ रंगों में ही सराबोर लगती हैं ।कुछ समझ आया कुछ नहीं । फिर भी होली तो है न । शुभकामनाएँ।
हार्दिक आभार बहन, जो समझ नहीं आया उसके लिए क्षमा याचना। नमन।
बहुत बढ़िया छंद..
हार्दिक आभार बहन।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 07 मार्च 2021 को साझा की गई है........."सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार बहन। नमन।
हटाएंसुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद बड़े भाई।नमन।
हटाएंहोली के रंग में सारी भाषाएँ रंगों में ही सराबोर लगती हैं ।
जवाब देंहटाएंकुछ समझ आया कुछ नहीं । फिर भी होली तो है न । शुभकामनाएँ।
हार्दिक आभार बहन, जो समझ नहीं आया उसके लिए क्षमा याचना। नमन।
हटाएंबहुत बढ़िया छंद..
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार बहन।
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