शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

जोधपुर



इस नगर की स्थापना 1459 में राव जोधा द्वारा की गयी थी| उसने अपनी राजधानी मंडोर से हटाकर जोधपुर को बनाया था| जब शेरशाह सूरी ने यहाँ के शासक मालदेव को सेमल के युद्ध में हराया तो शेरशाह ने कहा था कि “एक मुट्ठी बाजरे के लिए मैं हिन्दुस्तान की बादशाहत खो देता”| औरंगजेब के समय जोधपुर का शासक जसवंत सिंह था| जोधपुर का किला 120 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है| दुर्ग के भीतर राजप्रसाद, शस्त्रागार, मोतीमहल, जवाहर खाना आदि मुख्य इमारते हैं| किले के उत्तर की ओर ऊँची पहाड़ी पर थड़ा नामक एक भवन है जो पूरी तरह संगमरमर का बना है| जोधपुर की विशेषता यहाँ की कृत्रिम झीलें और कुएं हैं| 



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