रविवार, 24 दिसंबर 2017

काले भगवान

 (1)
काहे सोंचु करति इन्सान,
कालो तुमहिं रंगो भगवान,
वेद पुरानन को परमान,
गोरेन के काले भगवान||
(2)
 
सूरत ने धोखा दिया, कर बैठे हम प्यार|
गोरी चमड़ी के तले, मिले बुझे अंगार||,



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