यह
स्थल मध्यप्रदेश के रायसीन जिले में बेतवा तथा बेश नदी के मध्य विदिशा का एक उपनगर
था| चन्द्रगुप्त द्वितीय के उदयगिरि गुहालेख में इस पहाड़ी का वर्णन है यहाँ पर 20
गुफाएं हैं जो हिन्दू व जैन मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं| मूर्तिकला की दृष्टि
से 5वीं गुफा जिसमें भगवान विष्णु के वाराहवतार का वर्णन है विशेष प्रसिद्ध है|
छठीं गुफा में दो द्वारपालों, विष्णु, महिषासुर एवं गणेश की मूर्तियाँ हैं|
उदयगिरि के द्वितीय गुफालेख में चन्द्रगुप्त के सचिव पाटिलपुत्र निवासी वीरसेन के
द्वारा शिवमंदिर के रूप में गुफा का निर्माण कराने का उल्लेख है| तृतीय उदयगिरि
गुफालेख में शंकर नामक व्यक्ति द्वारा गुफा संख्या 10 के द्वार पर जैन तीर्थंकर
पार्श्वनाथ की मूर्ति प्रतिष्ठित कराए जाने का उल्लेख है|
कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें