यह
स्थल महाराष्ट्र में ताप्ती नदी के किनारे है| इसे 14वीं शताब्दी में खानदेश के
फारूकी वंश के सुल्तान मलिक अहमद के पुत्र द्वारा बसाया गया और अपनी राजधानी बनाया
गया| खानदेश के सुल्तान बुरहानुद्दीन वली के नाम पर इसका नामकरण किया गया| 1599
में यह अकबर के अधिकार में अधिक समृद्ध हो गया| इस नगर को मराठों ने कई बार लूटा|
यहीं शाहजहाँ की बेगम मुमताज महल की मृत्यु हो गयी थी|
कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें