कर्नल
टॉड ने इस नगर को राजपूताने की कुंजी कहा| इस नगर की स्थापना 1113 में शाकम्भरी के
चौहान शासक अजयदेव के द्वारा की गयी थी| जब मुहम्मद गोरी ने यहाँ आक्रमण किया तब
यहाँ चौहानों का शासन समाप्त हो गया| यहाँ ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है|
यहीं पास में ही अजयपाल द्वारा “तारागढ़ का दुर्ग” बनवाया बनवाया गया है| 1102 में
यहीं कुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा “अढ़ाई दिन का झोपड़ा” नामक इमारत बनवाई गई| यहाँ
जैनियों का रथवाला मन्दिर भी है|
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