काश मय के साथ,
पैमाना नाच उठे,
और उड़ेल दे चारों ओर,
बसंत की मादकता,
और भुला दे कि आप,
कुछ और नहीं इसी फागुनी पवन के,
अंश हैं|
अर्धांगिनी,
मोहिनी नजर आये,
वो जिसने,
वैलेंटाइन पर उपहार,
न स्वीकारा हो,
आपके साथ होली खेल जाये|
ऐसी विमल भावना के साथ विमल की विमल शुभकामनाएँ जिनमें आप अपनी इच्छा से कोई भी रंग मिलाने के लिए स्वतंत्र हों|
कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|
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