होली पर कुछ रंग,
मेरी कलम से बिना भंग|
विजय माल्या से लिया, जिन असली संदेश।
नीरव मोदी खेलि के, होली भगे विदेश।।
पी एन बी के हाथ, लगी खाली पिचकारी।।1।।
राहुल बाबा ने रखी, सब नातिन की लाज।
नानी के घर खेलने, पहुंचे होली आज।।
सत्ता तौ गयी छूटि, कहाँ बैठें सत्तारी।।2।।
खांसी अब आती नहीं, मफलर हुई गयो तंग।
इस होली में भी नहीं, जमा सके हैं रंग।।
भ्रमित केजरीवाल दिख रहे निपट अनारी।।3।।
'विमल'
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behatar hai sir
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर आने व् कमेन्ट करने के लिए धन्यवाद व होलिकोत्सव की पावन मंगलमय|
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