सोमवार, 6 नवंबर 2017

चाय और नमकीन

तन बेचारा लोमड़ी, लेकिन मन लँगूर।
डाल अगर किञ्चित् झुके, खा पाऊँ अँगूर।।1।।

एक साथ में दे गयी, मजे सुन्दरी तीन|
सुबह सलोनी धूप सँग, चाय और नमकीन।।2।।

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