इस ब्लॉग को मैने अपने निजी विचारों को प्रस्तुत करने के लिये शुरू किया है। बहुत सम्भव है कि मेरे विचार किसी अन्य से मेल खाते हों और यह लगता हो कि वे किसी के कॉपीराइट का उल्लंघन करते हों तो कृपया मुझे अवश्य अवगत करायें। विशेष कृपा होगी।
आप अंगीठी नहीं है,
आपकी देह की गरमई,
उस रजाई का कमाल है,
जिसमें लिपटे रहे हो रात भर।
और जिसे मैंने तुम्हारे,
ऊपर से नीचे तक,
दबाये रक्खा है,
रातों में जागकर।
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