रविवार, 26 नवंबर 2017

चौथा बन्दर

गाँधी जी का चौथा बन्दर,
आसपास दिख जाता है।
कुछ मत बोले मत कुछ सुने,
न ऊपर नजर उठाता है।
मोबाइल या कम्प्यूटर पर,
नजर गड़ाये जारी है।
डिजिटल वर्ड में धँसा हुआ है,
भूला दुनियादारी है।

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