मंगलवार, 14 नवंबर 2017

सियासत



बात जब करो शराफ़त से करो।
जब न सुने तो लियाकत से करो।
बात सब सुन लेंगे तुम्हारी मित्रों,
घुमा फिरा के करो, सियासत से करो।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें











हमारीवाणी

www.hamarivani.com
www.blogvarta.com