न्यूटन के गति सम्बन्धी तीन नियम
दोहों में
चलता पिण्ड न रूक सके, रुका न पाए चाल|
बिना वाह्य बल के सतत, जड़ता की पड़ताल||1||
परिवर्तित संवेग दर, बल के सम-अनुपात|
जिधर दिशा संवेग की, वही दिशा बल ख्यात||2||
क्रिया-प्रतिक्रिया साथ हो, रहे दिशा विपरीत|
बल की मात्रा सम रहे, न्यूटन कहता मीत||3||
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