सोमवार, 25 मई 2020

न्यूटन के गति विषयक नियम


न्यूटन के गति सम्बन्धी तीन नियम दोहों में  

चलता पिण्ड न रूक सके, रुका न पाए चाल|
बिना वाह्य बल के सतत, जड़ता की पड़ताल||1||
परिवर्तित संवेग दर, बल के सम-अनुपात|
जिधर दिशा संवेग की, वही दिशा बल ख्यात||2||
क्रिया-प्रतिक्रिया साथ हो, रहे दिशा विपरीत|
बल की मात्रा सम रहे, न्यूटन कहता मीत||3||



कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (27-05-2020) को "कोरोना तो सिर्फ एक झाँकी है"   (चर्चा अंक-3714)    पर भी होगी। 
    --
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --   
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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  2. हार्दिक आभार बड़े भाई कृतार्थ हुआ|

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