इस ब्लॉग को मैने अपने निजी विचारों को प्रस्तुत करने के लिये शुरू किया है। बहुत सम्भव है कि मेरे विचार किसी अन्य से मेल खाते हों और यह लगता हो कि वे किसी के कॉपीराइट का उल्लंघन करते हों तो कृपया मुझे अवश्य अवगत करायें। विशेष कृपा होगी।
हमारे भतीजे शुभम शुक्ला को माँ विषय पर कविवर सुनील जोगी की कविता बहुत पसंद आयी और होली मिलन समारोह के अवसर पर श्री भूरेश्वर मन्दिर भाटनटोला पिहानी में पढ़ी गयी आप भी सुनें|
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