एक #प्राइवेट_शिक्षक की पीड़ा
इस कोरोना ने निकम्मा कर दिया।
आसमां से ला जमीं पर धर दिया।।
इस जुलाई में जिधर भी पग बढ़े,
नैन ऊपर किन्तु नीचे सिर किया।
धो गया सावन बिना बरसे हमें,
आँसुंओं ने बिन बहे उर तर किया।
हम बिधाता हैं नए निर्माण के,
पा उपेक्षा चहुँदिशा मन भर गया।
हम जिए हैं या मरे परवाह क्या?
हर किसी ने दूर अपना कर किया।
ये मात्र प्राइवेट शिक्षक की ही नहीं , प्राइवेट नौकरी करने वाले हर इन्सान की व्यथा कथा है !!!!
जवाब देंहटाएंसच कहा बहन धन्यवाद|
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