यूॅं तो फेसबुक पर बहुत से रवीश होंगे और कविता भी करते होंगे किन्तु मैं बस एक को जानता हूॅं बड़ा अच्छा लिखते हैं। ईश्वर उनके काव्य को यशस्वी करें।
बहुत से विषयों पर बेबाक लिखते हैं उनके साहस को बधाई।
आजकल कई रचनाएं मोनालिसा पर लिखी हैं। मुझे तो उसमें कुछ लिखने वाला नजर नहीं आया लेकिन हमारे छोटे भाई जिस तरह लिख रहे हैं तो मुझे उन पर कुछ लिखने का मन हुआ तो लिख दिया। आप लोग भी रस लें।
नयनों के बाण से हुये घायल रवीश जी।
मोनालिसा के पॉंव की पायल रवीश जी।
यूॅं तो नजारे लाख थे सुन्दर प्रयाग में,
मोनालिसा के हो गये कायल रवीश जी।।
जिस राह चल पड़े पग मोनालिसा के शुभ,
उस राह के अब हो गये टायल रवीश जी।।
रम्भा की उर्वशी की या भगिनी मेनका की,
नम्बर तो कर गये हैं डायल रवीश जी।।
कहते हैं महाकाव्य रच के तुलसी बनेंगे,
कर देंगे अमर उसकी स्मायल रवीश जी।।
विमल 9198907871
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें