सम्मान ओढेंगे या बिछायेंगे,
कमरे की दीवार पर सजायेंगे।
खूँटी पर टाँग लेना है या,
हुक्के में भर गुड़गुड़ायेंगे।
बतायें तो सही पाँच हजार में,
कैसा साहित्यिक सम्मान चाहेंगे।
आपके खास आर्डर पर वैसा ही,
सम्मान फैक्ट्री में तैयार करवायेंगे।
आप चाहें तो रेडीमेड भी मिलेगा,
कुछ खर्च भी कम लगेगा
किन्तु शर्त है
मंच से उतरने के वापस लिया जाएगा,
और दो घंटे बाद
किसी और को दिया जाएगा।
😀😀😀😀
अपने एक कवि मित्र की सम्मान के लिए डिमांड पर सम्मान सहित अ-कविता
विमल 9198907871
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (21-09-2022) को "मोम के पुतले" (चर्चा अंक 4559) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हार्दिक आभार बड़े भाई
हटाएंओह! क्या क्या हो रहा है ?
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक सृजन।
धन्यवाद बहन
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