आज समाचार छपा है कि जनधन खातों से अब 24 घण्टे के लिए 5000 हजार का कर्ज बिना ब्याज लिया जा सकता है। अब किसी गरीब से इतना भद्दा मजाक भी अच्छा नहीं। भला 24 घण्टे के लिए 5000 रुपये का कर्ज लेने कितने लोग जायेंगे। ऐसा कौन सा बिजनेस जिसे व्यक्ति एक दिन के लिए करेगा। उदाहरण दिया गया है कि कोई सुबह बैंक से पैसा लेकर मान लो दोपहर में पकौड़े बेचता है तो खाली हुआ पैसा वह शाम को जमाकर दे ब्याज नहीं लिया जायेगा। इसी प्रकार शाम को कर्ज लेकर सुबह जमा कर सकता है। लेकिन साहब बिजनेस लगातार प्रक्रिया है अगले दिन फिर उसी पैसे की आवश्यकता होगी तो क्या करेगा। दूसरी बात कि इस दौरान बैंक कितना समय चबा जाएगी। तीसरी बात यदि व्यक्ति अत्यधिक निर्धन या बेईमान नहीं है तो 5 हजार रुपये तो 2 चार दिन के लिए किसी नातेदार रिश्तेदार मित्र से ले लेगा बिना ब्याज हफ्ते 15 दिन के लिए बैंक में क्यों लाइन लगाएगा। चौथे ग्रामीण क्षेत्रों के जो बैंक लोगों को अपना पैसा निकालने के लिए 4-6चक्कर लगवा देते हैं वे ओवर ड्राफ्ट की सुविधा किस प्रकार प्रदान करेंगे । पांचवा लोगों के शोषण की भी सम्भावना है।
बेहतर होगा कम से कम यह लोन 1 माह के लिये तो मिले ही ताकि व्यक्ति कम से कम रोजगार को चला तो सके निश्चिंत होकर।
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बुधवार, 25 अप्रैल 2018
मजाक
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