शुक्रवार, 20 अप्रैल 2018

प्रेम

हर किसी के वास्ते ठहरा नहीं जाता।
टोटकों से प्रेंम सच गहरा नहीं जाता।
नेह उर  में हो अगर स्वारथ रहित प्यारे,
तो हृदय में बस गया चेहरा नहीं जाता।।

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (21-04-2017) को "बातों में है बात" (चर्चा अंक-2947) (चर्चा अंक-2941) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत सुंदर पंक्तियाँ आदरनीय | नमन -------

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    उत्तर
    1. धन्यवाद Renu बहन ब्लॉग पर आने व टिप्पणी करने के लिए|

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