हमारे मित्र कवि ने लिखा कि मीटर पर ध्यान न दें आजकल फीते से लिख रहे हैं तो उनको मेरी प्रतिक्रिया
हम तो हथेली से नाप लेते हैं,
बित्त दो बित्त।
अधिक हुआ तो हाथ आजमा लेते हैं।
नापना हो कोई बहुत छोटी चीज,
तो बाल, नाखून और उंगलियॉं भी,
नापने का काम करती हैं।
मीटर और फीते बहुत बाद में आये,
हमने ऑंखें बन्द कईं,
घुसे ध्यान में और नाप लीं,
ब्रह्माण्ड में नक्षत्रों की दूरियॉं।
कविता तो भावनाओं से नाप लेते हैं,
आपको पूरे सौ नम्बर देते हैं।
विमल
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