मंगलवार, 1 अप्रैल 2025

इतिहास

मैं किसको सच मानूॅं,
देखने वाले रहे नहीं,
लिखने वाले तटस्थ होते नहीं,
मैंने इतिहास की ओर से मुॅंह मोड़ लिया है,
नाता भविष्य से जोड़ लिया है।
तुम सब गाओ अपनी-अपनी,
मैं भी अपनी गाता हूॅं।
एक नयी सड़क बनाता हूॅं।
उसके लिए सब खाईयाॅं पटेंगी,
सब टीले टूटेंगे।
रोने वाले रोयेंगे, 
मजे लूटने वाले मजे लूटेंगे,
इतिहास के व्याख्याकार, 
मजे करते हैं, 
और भ्रमित करते हैं।

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