वैद्य का बतावै परी, भीर जौन आय परी,
तबै जी मा चैन परी, हेकड़ी तो न चली।
साँची जो बतैहौ नाइ, दवा ठीक पैहौ नाइ,
ईश न करी सहाइ, जान जाइ न चली।
चाहते जो फायदा तउ सीखि लेउ कायदा,
तुमसे जो ज्ञानी होय हेरफेर न चली।
बात यहै एक भली बनौ नहीं बाहुबली,
जैसे कहै उठौ बैठो मनमौज न चली ।।