कृषि मन्त्री शरद पवार को थप्पड़ मारना लोकतन्त्र में एक निन्दनीय घटना है तथापि हमारे नेताओं को यह सोंचना पड़ेगा कि आखिर ऐसा करने के लिये के जिम्मेवार कौन है लोकतन्त्र की दुहाई देने वाले तब कहाँ होते हैं जब वे अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना भूल जाते हैं और पब्लिक देखती है कि एक ओर वह त्रस्त है और नेता लोग मौज उड़ाते हैं।
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