हर जन की गणना करवा आरक्षित कर दो चारा।
अस्पताल श्मशान रेलवे खेल सिनेमा कारा।
कौन जाति के कितने भैया कौन सड़क से जायें।
अखबारों में एक सूचना रोज सुबह छपवायें।
कौन जाति वालों को कितनी पानी हवा मिलेगी।
अमुक जाति का पिसना आये चक्की तभी चलेगी।
जब तक कोटे भर मरीज हों नहीं किसी क्लीनिक में।
तब तक डॉक्टर रहे लापता दिखे नहीं क्लीनिक में।
एफबी पर कमेंट की खातिर असली आरक्षण हो।
पहले अपनी जाति बताये तभी पोस्ट लाइक हो।
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