मन्दिर बन पाया नहीं, मिले न पन्द्रह लाख।
मतदाता ने भी रखा, बीजेपी को ताख।।
नए नोट की चमक सा, फीका हुआ प्रभाव।
नए नोट की चमक सा, फीका हुआ प्रभाव।
मतदाता सहलायेगा, कब तक अपने घाव।।
भूल गए सब वायदे, सबका किया विकास।
सबसे अधिक सवर्ण का, शासन में उपहास।।
कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|
कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें