मंगलवार, 10 जनवरी 2017

बदमाश

फेरि कटोरा लइके आये।
पांच साल जो रहे लुकाये।
शर्म औ' हया ताख में फेंकी।
हइं बदमाश गिनावति नेकी।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें











हमारीवाणी

www.hamarivani.com
www.blogvarta.com