पुरकश वबाल करता है।
आइना सवाल करता है।।
अच्छे दिन आ जाने का।
बकरा ख्याल करता है।।
साइकिल चढ़ कि हाथी चढ़।
क्योंकर मलाल करता है।।
सबके हाथों छूरे हैं।
हर इक हलाल करता है।।
कीचड़ में कि पानी में।
कमल ही कमाल करता है।।
वक्त कम है प्रभु शरण ले।
सबकुछ त्रिकाल करता है।।
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सोमवार, 16 जनवरी 2017
मंगलवार, 10 जनवरी 2017
बदमाश
फेरि कटोरा लइके आये।
पांच साल जो रहे लुकाये।
शर्म औ' हया ताख में फेंकी।
हइं बदमाश गिनावति नेकी।।
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