आज सुबह रवि जल्दी जागा, कई दिनों के बाद।
और देह का आलस भागा, कई दिनों के बाद।
आज अलगनी पर कपड़े हैं, कई दिनों के बाद।
छत पर चढ़ी गुलब्बो मेरी, कई दिनों के बाद।
दादा जी ने कम्बल त्यागा, कई दिनों के बाद।
दादी जी का सम्बल जागा, कई दिनों के बाद।
चुन्नू मुन्नू द्वार खड़े हैं, कई दिनों के बाद।
मेरे मन में कविता आयी, कई दिनों के बाद।।
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