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रविवार, 27 अगस्त 2023

चन्दा मामा

जब से चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर उतरा है हम भारतीय बड़े प्रसन्न हैं हमने एक मील का पत्थर स्थापित किया है। समस्त देशवासियों व वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई। किन्तु हम कवि हैं साथ ही वैज्ञानिक दृष्टि भी रखते हैं अतः हृदय में कुछ अलग प्रकार के भाव उठते हैं जिन्हें एक कविता में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। आशा है मैं अपने कवि धर्म में सफल रहा होऊंगा।
विज्ञान का यथारथ कवि उर की कल्पना है।
तुम हो खुशी मनाते पर चाॅंद अनमना है।
जो भी कहे ये दुनिया मैं मानता नहीं हूॅं, 
मेरा चाॅंद खुरदुरा है यह बात ही मना है।।
सौन्दर्य का नहीं प्रिय कोई बाॅंट दूसरा है।
सब यान जा के उतरे वह ठाॅंव दूसरा है।
हमने हमेशा पूजा पूजा किया करेंगे,
वह चाॅंद दूसरा है यह चाॅंद दूसरा है।।
स्नेहिल सुधा सुसज्जित सोलह कला सॅंवारे।
हे! दक्ष के जमाता शिव शीश डेरा डारे।
अनसूया-अत्रि के सुत दुर्वासा तेरे भाई,
कोई ऑंख जो दिखा दे फौरन उन्हें पुकारे।।
हे कृष्ण के खिलौने जन जन के जगत मामा।
विज्ञान है निठल्ली इसको न कोई कामा।
शायर गजल कहेंगे पण्डित पढ़ेंगे मन्तर,
निश्चिन्त हो गगन में जपो राम राम रामा।।

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" मंगलवार 29 अगस्त 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" मंगलवार 29 अगस्त 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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