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गुरुवार, 23 जुलाई 2020

निषिद्ध है

डाँट और मार फटकार नहीं सकते हैं,
बालकों पे अत्याचार करना निषिद्ध है।
प्रेम और पुचकार नीयत के प्रश्न बन्धु,
गोद में उठा के प्यार करना निषिद्ध है।
बठिया नहीं हूँ बन्धु मेरे दिल दिमाग है,
होके उदासीन पार करना निषिद्ध है।
आज के समाज की है दशा ही विचित्र मित्र,
शंकाहीन व्यवहार करना निषिद्ध है।

8 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२५-०७-२०२०) को 'सारे प्रश्न छलमय' (चर्चा अंक-३७७३) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

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