इस ब्लॉग के अन्य पृष्ठ

कक्षा के अनुसार देखें

शुक्रवार, 8 मार्च 2019

सत्ता का प्रभाव

कंटकों से भरे हुए, पथ में जो जाना पड़े,
पैर में पड़े जूतों से, प्यार हो ही जाता है।
जहाँ मारपीट की हों थोड़ी भी सम्भावनाएं,
हाथ में लगे तो हथियार हो ही जाता है।
पत्थरों में नाम जब खोदा नहीं जाता बन्धु,
नेताजी का खून खौल, क्षार हो ही जाता है।
सत्ता के जूते पर हो पॉलिश अहंकार की,
चोरों व उचक्कों में, रार हो ही जाता है।।

कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|

3 टिप्‍पणियां: