इस ब्लॉग के अन्य पृष्ठ

कक्षा के अनुसार देखें

सोमवार, 29 अक्टूबर 2018

मीठा खट्टा

एक मच्छर दूसरा तिलचट्टा है,
एक सिल है तो दूसरा बट्टा है,
थोड़ी खटर पटर ही सही,
प्रेम में लुनाई न सही
थोड़ा मीठा है थोड़ा खट्टा है।।1।।

तुम अनार का जूस पीती रहो,
और हथिनी सा जीती रहो,
चिन्ता ये नहीं कि तू ज्यादा जी जायेगी,
चिन्ता ये है उठायी कैसे जायेगी।।2।।

कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|

1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (31-10-2018) को "मंदिर तो बना लें पर दंगों से डर लगता है" (चर्चा अंक-3141) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    राधा तिवारी

    जवाब देंहटाएं