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शनिवार, 8 दिसंबर 2012

आपका जमाना है



जब किनारे पर खड़े रहकर भी डूब जाना है।
तो सुनो गहरे समुन्दर में मेरा ठिकाना है।
आज तो फिर से किवाड़े बंद थे हकीकत में।
कोई कहता था कि पिछवाड़े से आना जाना है।
वो जो एम ए फर्स्ट था कहता मिला मिला बताओ भी।
प्रैमरी की क्लास में क्या क्या मुझे पढ़ाना है।
भाभियाँ तो ले गयीं रोजगार के जो अवसर थे।
भाई साहब आपको अब रोटियाँ बनाना है।
आपने परदा न डाला चूड़ियाँ नहीं पहनीं।
फिर न कहना नाजनीं तुम पर कोई दिवाना है।
आप कब से उल्लुओं की फौज में हुए शामिल।
आपका पट्ठा फितरती तौर पर सयाना है।
काटने का जी नहीं या दाँत मुँह से गायब हैं।
कुछ भी कहिये भाई बहनों आपका जमाना है।
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"तो बन्धुवर किस बात पर इतने क्रोधित हो रहे हैं, आप जैसे सम्मानित व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता।" उन दोनों में से एक को जोर जोर से आँखें लाल पीली कर बात करते हुए देखकर उनके पास जाकर मैंने भी अपनी वाणी को सक्रिय किया।

मेरी स्थिति


अपने आपु खोदी नींव अपने आपु भरी।


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