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गुरुवार, 6 अक्टूबर 2011

आज सुबह

आज सुबह
आज सुबह कुछ नई नवेली]
दुल्हन सी सकुचाती आई।
नील गगन पर रौनक छाई]
जन जन को हर्षाती आई।
पक्षी चहके चीं चीं करके]
पेड़ों पर दीवाली छाई।


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