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गुरुवार, 28 नवंबर 2024

प्रेम में

ऐसा भी क्या सुना दिया तुमने।
ताड़ तिल का बना दिया तुमने।
प्रेम को मन्त्र सा छिपाया था,
सारी महफ़िल जना दिया तुमने।
प्यार में डर से डर नहीं लगता।
जान जाने पे कर नहीं लगता।
लोग हम पर उठायेंगे उॅंगली,
थोड़ा भी बेहतर नहीं लगता।
भूल जाओ जो शूल बोये हैं।
शूलों संग हम सुमन से सोये हैं।
प्रेम में संग जब हॅंसे हम तुम,
याद होगा कि संग रोये हैं।

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