इस ब्लॉग के अन्य पृष्ठ

कक्षा के अनुसार देखें

शनिवार, 27 मई 2023

चाहते जो फायदा

वैद्य का बतावै परी, भीर जौन आय परी,
तबै जी मा चैन परी, हेकड़ी तो न चली।
साँची जो बतैहौ नाइ, दवा ठीक पैहौ नाइ, 
ईश न करी सहाइ, जान जाइ न चली।
चाहते जो फायदा तउ सीखि लेउ कायदा,
तुमसे जो ज्ञानी होय हेरफेर न चली।
बात यहै एक भली बनौ नहीं बाहुबली, 
जैसे कहै उठौ बैठो मनमौज न चली ।।

रविवार, 21 मई 2023

मेरा सफर

अगस्त ९८
यूँ ही नहीं हो जायेगा,
मेरे सफ़र का खात्मा।
मैं कोई चिराग नहीं जो बुझा तो अँधेरा हो जायेगा।
मैं कोई तूफान नहीं जो अपने साथ सब कुछ समेट ले जायेगा।
मैं बाढ़ नहीं जो अपने साथ महाविनाश लायेगा।
मैं शूल नहीं जो चुभेगा और याद आयेगा।
मैं फूल भी नहीं हूँ जू डाल से मिट्टी में गिरेगा,
और मिट जायेगा।
मैं आग भी नहीं हूँ, जो फैल गयी तो सब राख में बदल जायेगा।
मैं मोम भी नहीं हूँ, जो आँच पाकर पिघल जायेगा।
मैं वो खुशबू हूँ जो चारों तरफ फैल जायेगी, नासिका के रास्ते मस्तिष्क में ठहर जायेगी।
जब कभी याद आयेगी तो बहुत याद आयेगी।
यूँ ही नहीं हो जायेगा,
मेरे सफ़र का खात्मा।
मैं वो नहीं जो मंजिल पाकर ठहर जायेगा।
मैं वो हूँ जो बहुत आगे बहुत आगे बहुत आगे जायेगा।



कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|

गुरुवार, 18 मई 2023

क्या याचना करूँ मैं

11/3/1995

1

अब आप ही बता दें,

क्या याचना करूँ मैं?

जो दे चुके हो अब तक,

उसको कहाँ धरूं मैं?

दो वक्त लोन रोटी,

तन को ढकूँ लँगोटी,

सो जाऊँ यार जिसमें,

वह झोपड़ी न छोटी|

अतिरिक्त चाहिए क्या,

क्या याचना करूँ मैं?

गैरों से माँग होती,

अपनों से पूर्ति होती,

तुझसे जुदा न मेरी,

कभी आत्मा है होती,

तुम यदि कहो की मांगो,

क्या भावना करूँ मैं?

तेरा धूर्त यार जाने,

सब कुछ तेरे खजाने,

तेरा हाथ सिर पे जब तक,

सभी मैंने अपने माने,

सच्ची रहे ये यारी,

दृढ़ कामना करूँ मैं|


कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|